Sunday, 29 June 2014

जिज्ञासा ...... 7

सुरत और शब्द में क्या सम्बंध है .....

वही जो सूरज व उसकी किरण में और सागर व उसकी बूंद में है।
सुरत को शब्द-सागर की एक बूंद की तरह जानो , जो सागर से अलग हो कर कीचड़ रूपी माया की परतों या तहों में लिपट गई है और काल के
बंधनों में फंस गई है। संत - जोकि उस शब्द-सागर की लहर हैं, वही इस बूंद को माया की परतों और जगत के बंधनों से छुड़ा कर वापस शब्द रूपी सागर में मिला सकते हैं और यही सच्ची मुक्ति है जी।

राधास्वामी जी
रधास्वामी हैरिटेज
(संतमत विश्वविधालय की स्थापना के प्रति समर्पित)

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