Sunday, 29 June 2014

जिज्ञासा .....17

सुरत को  शब्द अभ्यास में लगाने और ऊपरी मण्डलों में पहुंचाने का क्या लाभ है   ......

पहली  बात तो यह  कि  सुरत  मे उन ऊंचे मंडलों  का  प्रभाव पैदा हो जाता है।.दूसरी बात  यह कि सुरत जब देह को छोड़ेगी तो फौरन ही  उन  मंडलों में  पहुच जाती  है और जिस   स्तर तक  पहुंची उसी स्तर का ठहराव और आनंद प्राप्त करती है। इस प्रकार जब विकारों से रहित हो  कर सत  लोक में पहुंचेगी तब माया के घेरों से निकल जाएगी और आवा गमन से मुक्त हो जाएगी। यही निर्मल व अनंत आनंद की प्राप्ति  है।

राधास्वामी जी
राधास्वामी हैरिटेज
(संत  मत विश्वविधालय की  स्थापना के प्रति समर्पित)

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