जिज्ञासा....... 21
चौरासी का भोगना या आवागमन का क्या अर्थ है.......
इस जगत में अनेकों नस्लें और हर नस्ल में अनकों जून यानी योनियां हैं। जिसमें सभी जीव -- मनुष्य, पशु-पक्षी, कीड़े-मकौड़े, कुल वनस्पति, पेड़-पौधे, पत्थर - पहाड़ आदि शामिल हैं।.तो हर जीव को अपने करमो के अनुसार ही जून प्राप्त होती और भोगनी पड़ती है।
सभी योनियों में मात्र मनुष्य योनि ही सबसे उत्तम है , जिसमें अंतर्द्वार व मार्ग मौजूद है , जिस पर चलने का जतन व अभ्यास कर के मनुष्य चौरासी के घेरे से निकल सकता है और आवागमन से निजात पा सकता है। तो जगत में रहते हुए जीव के करम ही मुख्य हैं।
राधास्वामी जी
राधास्वामी हैरिटेज
(संतमत विश्वविधालय की स्थापना के प्रति समर्पित)
चौरासी का भोगना या आवागमन का क्या अर्थ है.......
इस जगत में अनेकों नस्लें और हर नस्ल में अनकों जून यानी योनियां हैं। जिसमें सभी जीव -- मनुष्य, पशु-पक्षी, कीड़े-मकौड़े, कुल वनस्पति, पेड़-पौधे, पत्थर - पहाड़ आदि शामिल हैं।.तो हर जीव को अपने करमो के अनुसार ही जून प्राप्त होती और भोगनी पड़ती है।
सभी योनियों में मात्र मनुष्य योनि ही सबसे उत्तम है , जिसमें अंतर्द्वार व मार्ग मौजूद है , जिस पर चलने का जतन व अभ्यास कर के मनुष्य चौरासी के घेरे से निकल सकता है और आवागमन से निजात पा सकता है। तो जगत में रहते हुए जीव के करम ही मुख्य हैं।
राधास्वामी जी
राधास्वामी हैरिटेज
(संतमत विश्वविधालय की स्थापना के प्रति समर्पित)
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